लेखनी प्रतियोगिता -17-Jan-2023 देखो कलयुग का हाल
शीर्षक-देखो कलयुग का हाल
विधा-गीत
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
चारों तरफ हाहाकार रे...
अब तो लो अवतार रे...
धरती पर बढ़ रहे हैं पाप,
सब बन गये हैवान,
बना दो सबको इंसान।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
भ्रष्टाचारी महंगाई भर रही उड़ान,
नेता बन बैठे शिकारी
आम जनता पर है जाल बिछायी।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
घात लगा कर बैठे दानव
रोज करते चीरहरण,
हो गया है नारी का जीना दुश्वर।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
बन गए हैं विश्वासघाती,
सभी है आज अपराधी,
बन बैठे हैं आज पापी।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
देखो दुनिया का यह हाल,
कैसे लेंगे हम अब सांस,
जीना हो गया है बेहाल।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
प्रदूषण का जहर फैला,
हो गया है पर्यावरण विषैला,
चारों तरफ हमको घेरा।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
धरती पर लो अवतार,
देना तुम्हारा पहरा,
अब सबको है बचाना।
आओ कृष्ण मुरारी...
कलयुग ने पैर पसारी...
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा"प्रिया"
Renu
18-Jan-2023 11:13 AM
👍👍🌺
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Abhinav ji
18-Jan-2023 08:02 AM
Very nice 👌
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सीताराम साहू 'निर्मल'
17-Jan-2023 11:15 PM
शानदार
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